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किस्मत
जिद थी खुद से उसे पाने की
आंगन में खुशियां लाने की
हाथों की लकीरो में उसे सजाने की
ख्वाबों को हक़ीक़त बनाने की
न थी हाथों की लकीरों में
न थी किस्मत के सितारों में
न थी जीवन की राहो में
न थी साहिल के किनारों में
लोगों से सुनता आया हूँ
सब किस्मत का लेखा है
कौन किसे जीता या हारा
ये किसने कब देखा है