[vc_message message_box_color=”violet” icon_fontawesome=”fa fa-flag-o”] सन्देश मैं सिर्फ एक सन्देश हूँ ,तुम, देश का अभिमान हो कोशिश करो इतनी सभी, तुमसे धरा का मान हो। कितनी यहाँ है पुस्तके , विद्या के मंदिर कम नहीं गुरूओं से शिक्षा लेके तुम आगे बढ़ो , बढ़ते चलो। परिस्तिथियाँ कैसी भी हो, हक़ में सदा होती नहीं आती रहती हैं अड़चने ,बस धैर्य से ही काम लो। जाना कहाँ है ? सोच लो , तुम लक्ष्य से भटको नहीं है ज़िन्दगी तुम्हारी पर, तुम कुल की आन बान हो। नफरत मिटा दो जड़ से तुम , न हो लड़ाई धर्म की मकसद बना लो एक एक, तैयार पूरा दल करो न दोष दो की देश ये विकास कर रहा नही आतंकवादी , राजनीति ,छल को जड़ से भंग करो। वह प्रेम और बलिदान था, जिससे आज़ादी मिल सकी सब मोह माया त्याग कर, मिट मिट गए शहीद वो लेके मशाल परिवर्तन की, गंगा बहा दो ज्ञान की चारो तरफ हो सुख अमन, हर लोक – व्यक्ति सभ्य हो -ऐसा नहीं की तुम सभी, इन बातों से अनजान हो मैं सिर्फ एक सन्देश हूँ तुम देश का अभिमान हो। – आरती वर्मा [/vc_message]